राहुल मिश्रा,शहडोल।
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शहडोल।बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू बौद्ध एवं क्रिश्चियन समाज के लोगों पर हो रहे अत्याचार को तत्काल रोकने एवं निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने की मांग को लेकर सनातन चेतना मंच शहडोल द्वारा नगर में रैली निकालकर कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सोपा गया।ज्ञापन में कहा गया है कि हम भारत के नागरिक और सर्व हिंदू समाज के प्रतिनिधि बांग्लादेश में हिंदू और ईसाई समुदायों पर हो रहे अत्याचार के प्रति अपनी गहरी चिंता एवं विरोध व्यक्त करते हैं।बांग्लादेश में वर्तमान में जो अत्याचार चल रहा हैं वह न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है बल्कि इसे हमारे साझा सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्य भी आहत हो रहे हैं।
राष्ट्रपति को भेजे गए ज्ञापन में कहा गया है कि स्वतंत्रता के समय पूर्व पाकिस्तान वर्तमान बांग्लादेश में 22% हिंदू थे किंतु उन्हें दी जा रही यातनाओं के कारण बांग्लादेश की पिछली जनगणना तक वहां मात्रा सात प्रतिशत हिंदू ही बचे हैं।
विगत 5 अगस्त को पहले हिंसा के बाद बांग्लादेश में बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय को लक्ष्य बनाकर उनकी हत्याएं की जा रही है।उनके घर लूट जा रहे हैं उनकी जवान बेटियों पर अत्याचार किए जा रहे हैं।5 अगस्त से अब तक हजारों हिंदुओं की हत्या की गई है।हिंदुओं पर हंगामे की 6000 से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं खुलना,रंगपुर,राजशाही भारी साल, चिरगांव,सिलहट इन सभी विभागों में हिंदुओं पर अत्याचार लगातार किए जा रहे हैं पुलिस विभाग हिंदुओं की शिकायतें नहीं ले रहा है बांग्लादेश प्रशासन ने एक ही महीने में 252 हिंदू पुलिस अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया है बांग्लादेश की पुलिस में अब एक भी हिंदू पुलिस अधिकारी नहीं बचा है।
हिंदुओं के श्रद्धा स्थान मंदिरों पर हमले किए जा रहे हैं इसलिए 4 महीना में 1000 से ज्यादा मंदिरों को ध्वस्त किया गया है तथा मंदिरों में स्थापित भगवान की मूर्तियों तोड़ दिया गया है।बांग्लादेश में हिंदू समाज असुरक्षित है उन्हें कोई भी मूलभूत अधिकार नसीब नहीं हो रहा है हिंदू समुदाय की हत्याओं का दौर जारी है।विगत दिनों बांग्लादेश सरकार ने वहां के प्रमुख हिंदू संत एवं इस्कान के पदाधिकारी चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।
हमारे पड़ोसी देश में हुई घटनाओं ने हमें गहरे आघात पहुंचाया है जिस विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदायों पर किए गए हम लोगों की एक श्रृंखला शामिल है 25 नवंबर 2024 को ढाका में इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास को झूठे देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया। जो की धार्मिक स्वतंत्रता और मानवीय अधिकारों का उल्लंघन है। 24 नवंबर 2024 को बग़ैरहट में एक हिंदू लड़की को जबरन धर्मांतरण कर आतंकी संगठन में शामिल किया गया जो एक गंभीर अपराध है और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे हैं अत्याचारों का प्रतीक है।इसी प्रकार 20 नवंबर 2024 को 12 साल में हिंदू समुदाय के घरों और दुकानों में आग के हवाले कर दिया तथा इससे उनकी संपत्ति एवं सामान को नष्ट कर दिया गया।इसी तरह 19 सितंबर 2024 को सिलहट में बौद्ध और हिंदू मंदिरों को तोड़फोड़ कर आग लगा दी गई जो धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक धरोहर को नष्ट करने का एक प्रयास था।इन घटनाओं में हजारों हिंदू बौद्ध और इसी परिवारों को विस्थापित किया गया है और उनके धार्मिक स्थलों को तोड़ा गया है उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक स्वतंत्रता पर हमले किए जा रहे हैं जो न केवल बांग्लादेश के संविधान और अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकारों का उल्लंघन है बल्कि हमारे समग्र मानवता के लिए भी एक खतरा है।
हमारी मांगे क्या है
सनातन चेतना मंच द्वारा राष्ट्रपति से मांग की गई है कि भारत सरकार द्वारा बांग्लादेश सरकार पर दबाव डाला जाए ताकि वहां अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुरक्षित हो सके और धार्मिक स्वतंत्रता को कायम रखा जा सके एवं हिंदू संत स्वामी चिन्मय प्रभु की बिना शर्त रिहाई की जा सके।यह भी मांग की गई है कि संयुक्त राष्ट्र एवं अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार संगठनों के माध्यम से बांग्लादेश सरकार को इन अत्याचारों के लिए जवाब दे ठहर जाए और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस गंभीर मुद्दे की ओर आकर्षित किया जाए। राष्ट्रपति से यह भी मांग की गई है कि अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराई जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।ताकि इस प्रकार के अपराधों की पुनरावृत्ती ना हो सके।जिन हिंदू परिवारों को उनकी जमीन और घरों से बैठक दखल किया जा रहा है।उन्हें उनके मूल स्थान पर पूरा स्थापित किया जाए और उनकी संपत्तियों को वापस दिलाया जाए।