राहुल मिश्रा/शहडोल।एक गरीब महिला किसान ने 11 साल पहले महिंद्रा फाइनेंस से एक ट्रैक्टर फाइनेंस कराया और आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण कुछ दिन बाद एक व्यक्ति को एग्रीमेंट करके ट्रैक्टर बेच दिया क्रेता से उसे मात्र ₹80000 प्राप्त हुआ। एग्रीमेंट के अनुसार क्रेता को महिंद्रा फाइनेंस की लोन की किस्त जमा करनी थी किंतु उसने ना तो लोन की किस्त जमा की और उल्टे ट्रैक्टर किसी को बीच दिया।जिसे ट्रैक्टर बेचा गया उसने किसी और को ट्रैक्टर बेच दिया और अंत में ट्रैक्टर को कबाड़ी को किलो के भाव बेच दिया गया।इधर महिंद्रा फाइनेंस से महिला किसान को नोटिस आ रही है की किस्त जमा करो।
जब महिला किसान को महिंद्रा फाइनेंस से नोटिस आई तब उसे पता चला कि मामला कुछ गड़बड़ है।तब उसने पुलिस थाना सोहागपुर एवं पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत की परंतु जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो शहडोल भ्रमण के दौरान उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला को महिला किसान ने आवेदन देकर फरियाद की। उपमुख्यमंत्री द्वारा शहडोल जिला प्रशासन को महिला किसान को न्याय दिलाने हेतु निर्देशित किया गया जिस पर जांच शुरू हुई है।
क्या है मामला
ब्यौहारी थाना अंतर्गत ग्राम बलौडी निवासी महिला किसान श्रीमती राजकुमारी सिंह बघेल पति तिलक राज सिंह बघेल द्वारा वर्ष 2013 में महिंद्रा फाइनेंस शहडोल से कृषि कार्य हेतु एक ट्रैक्टर एमपी 18 ए a7421 फाइनेंस कराया गया था। जिसे विक्रय अनुबंध पत्र के माध्यम से 27 में 2014 को महामाया कंस्ट्रक्शन के मैनेजर कमलेश कुमार मिश्रा निवासी रीवा होटल के सामने शहडोल को विक्रय कर दिया गया। उस समय 574000 महिंद्रा फाइनेंस का पैसा शेष था। ₹80000 क्रेता द्वारा विक्रेता को दिया गया था और महिंद्रा फाइनेंस की बाकी बची किस्ते अदा करने का अनुबंध किया गया था।परंतु क्रेता द्वारा महिंद्रा फाइनेंस को अदायगी
नहीं की गई।
जब नोटिस आई तब महिला किसान हो गई परेशान
महिंद्रा फाइनेंस में जब रूकी किस्त लंबे समय तक नहीं आई तब कंपनी द्वारा महिला किसान को ऋण अदायगी के लिए नोटिस भेजी गई। महिला किसान यहां वहां भटकती रही लेकिन उसे न्याय नहीं मिला और उसे समझ में आ गया कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है।तब उसने पुलिस में इस मामले की शिकायत की और जब पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की तो उसमें शहडोल भ्रमण के दौरान उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला से फरियाद की और अब श्री शुक्ल के निर्देशानुसार पुलिस जांच में जुड़ गई है।
ट्रैक्टर का नहीं है कोई अता पता।
जो कहानी सामने आई है इसके मुताबिक ट्रैक्टर खरीदने वाला कमलेश कुमार मिश्रा एक कंपनी में साधारण कर्मचारी है और उसका कहना है कि मेरी कंपनी के मालिक द्वारा मेरे नाम से एग्रीमेंट करा कर मुझे फंसा दिया गया है।और यह ट्रैक्टर मेरे कंपनी के मालिक ने डिंडोरी जिले के सागर टोला में स्थित उनके क्रेशर में लगा दिया गया था। यदि ट्रैक्टर मेरे पास होता और मैं कुछ काम करता होता तो महिंद्रा फाइनेंस का लोन जमा कर देता है।
महिंद्रा फाइनेंस के कर्मचारी भी भटकते रहे।
महिंद्रा फाइनेंस से बात करने पर यह जानकारी प्राप्त हुई है की ट्रैक्टर खींचने के लिए उनके कर्मचारी कई बार डिंडोरी जिले भ्रम कर चुके हैं और उन्हें जो जानकारी मिली है। उसके मुताबिक क्रेता कमलेश मिश्रा के तथाकथित मलिक ने अपने क्रेशर में ट्रैक्टर लगाया था और जो ड्राइवर ट्रैक्टर चला रहा था उसे 3 साल तक उन्होंने वेतन नहीं दिया इसलिए ड्राइवर ने किसी और को ट्रैक्टर बेच दिया बाद में उस ड्राइवर की मृत्यु भी हो गई।ड्राइवर ने जिस व्यक्ति को ट्रैक्टर बेचा था उसने ट्रैक्टर को कबाड़ में बेच दिया।इसलिए आज की स्थिति में ट्रैक्टर का कोई अस्तित्व नहीं है।
इनका कहना है।
28 जून 2013 को महिंद्रा फाइनेंस ट्रैक्टर फाइनेंस हुआ था उसे समय ट्रैक्टर का रेट 495000 था जबकि लोन चार लाख 35 हजार रुपए का था।5 साल में लोन पटना था। इसका ब्याज 247000 था।29 जून 2015 को 35900 की अंतिम किस्त आई थी उसके बाद कोई किस्त जमा नहीं हुई।आज की तारीख में 538000 बकाया है।
महिंद्रा फाइनेंस कंपनी शहडोल।