शहडोल।पंडित शंभूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय में बुधवार को “एक राष्ट्र, एक चुनाव” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय विषय पर विमर्श के लिए बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि,शिक्षाविद,विद्यार् थी व विषय विशेषज्ञ एक मंच पर एकत्रित हुए।पंडित शंभूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय में “एक राष्ट्र, एक चुनाव” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कार्यक्रम की मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी की जिलाध्यक्ष श्रीमती अमिता चपरा रहीं।कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलगुरु प्रो. रामशंकर ने की वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में जयसिंहनगर विधायक श्रीमती मनीषा सिंह और ब्यौहारी विधायक शरद जुगलाल कोल उपस्थित रहे।
इस कार्यशाला के संयोजक हर्षवर्धन सिंह एवं सहसंयोजक चंद्रेश द्विवेदी रहे।कुलसचिव प्रो.आशीष तिवारी ने भी कार्यक्रम में सहभागिता कर अपने विचार प्रस्तुत किए।
कार्यशाला में वक्ताओं ने “एक राष्ट्र, एक चुनाव” की अवधारणा पर विचार साझा करते हुए इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुदृढ़ और व्यावहारिक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया कार्यक्रम की मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी की जिलाध्यक्ष श्रीमती अमिता चपरा ने अपने संबोधन में कहा “एक साथ चुनाव होने से देश में समय संसाधन और धन की बचत होगी। साथ ही प्रशासनिक व्यवस्था पर अनावश्यक दबाव भी कम होगा। लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में यह एक सार्थक पहल है।”

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलगुरु प्रो. रामशंकर ने कहा, “शैक्षणिक संस्थानों की जिम्मेदारी है कि वे ऐसे राष्ट्रीय मुद्दों पर युवाओं को जागरूक करें। एक राष्ट्र, एक चुनाव केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि प्रशासनिक और सामाजिक सुधार का विषय भी है।”जातिवाद,क्षेत्रवाद,भाषावा द,संप्रदायवाद को समाप्त करने के लिए एक सशक्त सरकार की आवश्यकता होती है देश अस्मिता के लिए महत्वपूर्ण निर्णय जरूरी होते है।इनमें एक देश एक चुनाव भी है।
जयसिंह नगर विधानसभा क्षेत्र की विधायक श्रीमती मनीषा सिंह ने कहा, “लगातार चुनाव प्रक्रिया से शासन व्यवस्था बाधित होती है, नीतिगत निर्णय रुक जाते हैं। एक साथ चुनाव से स्थिरता और पारदर्शिता दोनों बढ़ेंगी।”
ब्यौहारी विधायक शरद जुगलाल कोल ने अपने विचार रखते हुए कहा“ग्रामीण क्षेत्रों में बार-बार चुनाव कराने से शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास कार्यों पर असर पड़ता है। एक चुनाव से गांव-गांव तक सुशासन की पहुँच बनेगी।”
कार्यक्रम के संयोजक श्री हर्षवर्धन सिंह ने आयोजन की पृष्ठभूमि और उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि “देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को अधिक संगठित और प्रभावशाली बनाने के लिए इस विषय पर चर्चा जरूरी है।”देश के आर्थिकप्रगति विकासशील परियोजनाओं एवं प्रशासनिक कार्यों की गति के आवश्यक है।
सह-संयोजक चंद्रेश द्विवेदी ने कहा, “विश्वविद्यालयों के संवाद के माध्यम से जुड़े युवा को चाहिए कि वे ऐसे विमर्शों का माध्यम बनें जिससे विद्यार्थी भी राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया से जुड़ सकें।”
कुलसचिव प्रो. आशीष तिवारी ने अपने वक्तव्य में कहा, “न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से, बल्कि प्रबंधन और लॉजिस्टिक्स की दृष्टि से भी एक साथ चुनाव कराना एक उत्कृष्ट विचार है।”
कार्यक्रम का संचालन डॉ. आदर्श तिवारी ने प्रभावशाली ढंग से किया, वहीं परिसर प्रभारी डॉ. गीता सराफ ने आयोजन की सफलता में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई और देश के महामहिम राष्ट्रपति को भेजे जाने वाले प्रस्ताव का वाचन किया कार्यशाला में उपस्थित प्राध्यापकों विद्यार्थियों ने सहमति से प्रस्ताव पारित किया और विषय की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला में विद्यार्थियों और शोधार्थियों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया और सवाल-जवाब के सत्र में अपनी जिज्ञासाएँ प्रस्तुत कीं। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।कार्यशाला के अंत में रविकरण त्रिपाठी जी ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।