अनाथ बच्चे के जीवन में संबल बनकर उतरे कलेक्टर,शहडोल ने देखा करुणा का नया अध्याय

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शहडोल।
शहडोल कलेक्टर डॉ. केदार सिंह द्वारा की गई मानवीय और अनुकरणीय पहल एक बार फिर जिले में संवेदनशील प्रशासन का संदेश दे गई। वार्ड क्रमांक 13 के 14 वर्षीय यशराज सैनी, जो माता-पिता के देहांत के बाद अपनी दृष्टिबाधित दादी के सहारे जीवनयापन कर रहा है, उसकी पीड़ा को कलेक्टर ने न सिर्फ सुना बल्कि तुरंत समाधान भी कराया।यशराज ने जब कलेक्टर से मिलकर अपनी शिक्षा, जीविकोपार्जन और पारिवारिक कठिनाइयों को बताया, तो कलेक्टर डॉ. सिंह ने उसे सामने बैठाकर पूरा ध्यानपूर्वक संवाद किया जो अपने आप में प्रशासनिक संवेदनशीलता का उदाहरण है।कलेक्टर ने यशराज को स्कूल आने-जाने के लिए नई साइकिल प्रदान की।साथ ही, उसके माता-पिता के स्वर्गवास के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग की फास्टर केयर योजना के अंतर्गत प्रति माह 4000 रुपये स्वीकृत करने के निर्देश दिए।परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए खाद्यान्न पात्रता पर्ची भी जारी करने के निर्देश दिए। ठंड से बचाव हेतु दादी और यशराज के लिए गर्म कपड़ों की तत्काल व्यवस्था कराई गई।दादी की उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें जिला चिकित्सालय भेजकर पूरा मेडिकल चेकअप भी कराया गया।
कलेक्टर की करुणा के सामने हर पीड़ा छोटी
कलेक्टर डॉ. केदार सिंह की यह संवेदनशील पहल कोई पहली घटना नहीं है। इसके पूर्व भी वे अनाथ बच्चों, दिव्यांगजनों और जरूरतमंद परिवारों की कई बार चुपचाप मदद कर चुके हैं, बिना कभी इसका प्रचार किए। उनका मानना है कि पीड़ित को राहत देना ही वास्तविक प्रशासनिक जिम्मेदारी है।किसी भी पीड़ित की समस्या जैसे ही उनके संज्ञान में आती है, वे तुरंत समाधान सुनिश्चित करते हैं चाहे वह आर्थिक, सामाजिक या स्वास्थ्य संबंधी समस्या ही क्यों न हो।उनकी कार्यशैली बताती है कि प्रशासन केवल व्यवस्था से नहीं, बल्कि मानवता और करुणा से चलता है।शहडोल को ऐसे जमीन से जुड़े, मानवीय और संवेदनशील कलेक्टर बहुत कम नसीब होते हैं। डॉ. केदार सिंह जैसे अधिकारी न पहले आए थे, न शायद आगे आएँ इसीलिए उनकी पहल हर जरूरतमंद के लिए उम्मीद की किरण बनती है।कलेक्टर की इस त्वरित और करुणामयी पहल से यशराज को जीवन में नया संबल मिला है। यशराज और उसकी दादी ने कलेक्टर की इस सहायता की सराहना करते हुए कहा कि आज हमें फिर से भरोसा हुआ कि प्रशासन जनता के लिए ही है।
यशराज ने भी पूरे मनोयोग से पढ़ाई करने का संकल्प लिया।कलेक्टर डॉ. केदार सिंह की यह पहल न केवल एक बच्चे की जिंदगी बदल रही है, बल्कि शहडोल में संवेदनशील और जनकेन्द्रित प्रशासन की मिसाल पेश कर रही है।
इसके साथ ही कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने यशराज को 5100 रुपये की सहायता राशि भी प्रदान की।
जिला बाल कल्याण समिति की सदस्य श्रीमती कल्याणी बाजपेई तथा सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती संजीता भगत ने भी 500–500 रुपये की सहायता राशि देकर यशराज का मनोबल बढ़ाया।

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