शहडोल।स्थानीय सरस्वती उ.मा. विद्यालय पाण्डव नगर में विद्याभारती की योजनानुसार त्रिदिवसीय प्रांतीय संस्कृति महोत्सव का गरिमापूर्ण शुभारंभ लोकप्रिय विधायक श्रीमती मनीषा सिंह के मुख्य आतिथ्य,जिलाधीश शहडोल डॉ.केदार सिंह की अध्यक्षता,पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक,भाजपा जिलाध्यक्ष कमल प्रताप सिंह एवं विद्या भारती महाकोशल प्रांत के संगठन मंत्री अमित दवे के विशिष्ट आतिथ्य में हुआ।कार्यक्रम का उद्घाटन मंचस्थ अतिथियों द्वारा वाग्देवी मॉ सरस्वती,ओम एवं भारत माता के चित्रों पर तिलक वंदन, माल्यार्पण के साथ दीप प्रज्जवलित कर वैदिक विधि विधान से मंत्रोच्चार के साथ किया गया।संस्था के प्राचार्य जितेन्द्र मिश्रा द्वारा अतिथियों का आत्मीय परिचय कराया गया।शाला प्रबंधन के पदाधिकारियों क्रमश: महेन्द्र सराफ (संरक्षक),श्रीमती भारती गुप्ता (अध्यक्ष),संतोष लोहानी (व्यवस्थापक),विष्णु कांत मिश्रा (सह व्यवस्थापक),श्रीमती वंदना सिंह (कोषाध्यक्ष),रोहित सिंह भदौरिया (सदस्य) द्वारा तिलक वंदन,शाल,श्रीफल एवं पुष्प गुच्छ भेंट कर अतिथियों का भावपूर्ण अभिनंदन किया गया।इस अवसर पर विद्या भारती के पदाधिकारियों षिवानन्द सिनहा(प्रांत प्रमुख), रविषकर शुक्ल (प्रांत प्रषिक्षण प्रमुख), गुरूप्रसाद शुक्ला (क्षेत्र संगीत प्रमुख), मनोजपुरी गोस्वामी (प्रांत बौद्धिक प्रमुख),श्रीराम षिरोमणि शर्मा (विभाग समन्वयक), रवि कुमार रजक (जिला सचिव) के साथ डॉ. ए.के.श्रीवास्तव, श्रीमती उर्मिला कटारे, शहडोल विभाग के प्राचार्य/प्रधानाचार्यों का तिलक बंदन वा अंग वस्त्र भेंट कर आत्मीय अभिनंदन संस्था के बौद्धिक प्रमुख श्री ओम प्रकाष तिवारी एवं सुश्री रोषनी सिंह द्वारा किया गया।इस अवसर पर उपस्थित पत्रकारों एवं विषिष्ट जनों का भी अभिनंदन किया गया।सांस्कृतिक महोत्सव पर अपने भाव व्यक्त करते हुए श्रीमती मनीषा सिंह ने शिक्षा एवं सांस्कृतिक उत्थान के क्षेत्र में विद्या भारती द्वारा किये कार्यो की मुक्त कंठ से सराहना की । आपने बालकों के सर्वांगीण विकास के लिये किये जा रहे समस्त कार्यों के लिये तन,मन,धन से सहयोग करने का आश्वासन भी दिया।पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक ने बालकों के संस्कार के साथ राष्टीय चरित्र निर्माण में विद्या भारती के महत कार्य की भूरि भूरि प्रसंशा की। भाजपा जिलाध्यक्ष कमल प्रताप ने विद्यालय की प्रबंधन समिति एवं आचार्य परिवार के सेवा एवं समर्पण भाव की तारीफ करते हुए शाला के उत्तरोत्तर विकास पर प्रसन्नता व्यक्त की प्रतिभाओं के संगम से आनंदित होकर आपने कहा हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं, संस्कार युक्त भारत गढ़ रहे हैं।प्रांतीय बौद्धिक प्रमुख मनोजपुरी जी गोस्वामी ने प्रतियोगिता के सबंध में जानकारी देते हुए बताया कि त्रिदिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव में महाकोशल प्रांत के 8 विभागों के 20 जिलों से चारो वर्गों की 19 विघाओं में प्रतिभागी सम्मिलित हो रहे हैं।दो दिवसों तक लगातार प्रतियोगिता संम्पादन उपरांत दिनांक 16 अक्टूबर 2024 को परिणामों की घोषणा, पुरस्कार वितरण के साथ आयोजन का गरिमामयी समापन किया जायेगा।उद्घाटन सत्र के सभाध्यक्ष मा.जिलाधीश डॉ.केदार सिंह ने विद्यालय की सज्जा, स्वच्छता,व्यवस्थाप्रियता, समयबद्धता के साथ छात्रों के अनुशासन की प्रसन्नतापूर्वक सराहना करते हुए आयोजन का अद्भुत बताया।छात्रों के मुख मण्डल के तेज से झलकती उनकी प्रतिभा एवं आत्मविश्वास पर हर्ष व्यक्त करते हुये आपने समस्त प्रतिभाओं के उज्जवल भविष्य की कामना की । साथ ही आपने आश्वासन दिया कि संस्था एवं छात्रों के चहुमुखी विकास के लिये हर संभव सहायता दी जावेगी।हजारों की संख्या में उपस्थित जन समुदाय ने विभाग बौद्धिक प्रमुख अनिल द्विवेदी के मंच संचालन की काफी सराहना की।
सांस्कृतिक उत्सव की चारों वर्गो की 19 प्रतियोगिताओं क्रमश: व्यक्तिगत गीत,निबंध,रंगोली, चित्रकला, गीता पाठ,एकल भजन,प्रश्न मंच, कथा कथन,तत्कालिक भाषण,तबला वादन,शास्त्रीय गायन,शास्त्रीय नृत्य, एकल अभिनय,मानस प्रथमाक्षरी, स्वरचित कविता पाठ,वन्दे मातरम, मूर्तिकला,आचार्य पत्र वाचन, लोक नृत्य में विद्याभारती के पदाधिकारियों के साथ जिन स्थानीय कलापारखियों का आयोजन को निर्णयन में बौद्धिक सहयोग प्राप्त हो रहा है उनमें शिवानंद सिन्हा, रविशंकर शुक्ल, गुरू प्रसाद शुक्ला, रामशिरोमणि शर्मा, मनोज पुरी गोस्वामी, राजकिशोर शुक्ल,मुनीन्द्र मिश्रा, संजीव द्विवेदी, डॉ. नीलेश गौतम,भारती गुप्ता, वसुधा मिश्रा, अपूर्वा अनुप्रिया, शिव प्रसाद तिवारी,राम प्रकाश मिश्रा, राजेन्द्र मिश्रा, देवेन्द्र चतुर्वेदी,विनोद मिश्रा, परमानन्द तिवारी, पूनम अवस्थी, तृप्ती सेठ,जीतेन्द्र तिवारी, मृगेन्द्र श्रीवास्तव, वेद नारायण शुक्ला,आशीष सिंह, अनिल द्विवेदी, दिलीप तिवारी, रामकिशोर द्विवेदी के नाम प्रमुख हैं।कार्यक्रम लगातार जारी है।जिसमें शाला प्रबंधन समिति,आचार्य परिवार के साथ किषोर भारती के पदाधिकारियों का सेवा व समर्पण का भाव सराहनीय है।