शहडोल।मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है तथा सरकार आदिवासी एवं हरिजन को समाज के मुख्य धारा में जोड़ने के लिए अनेकों अथक प्रयास कर रही है।उनके लिए अनेक योजनाएं एवं आरक्षण का प्रावधान हमारे भारत के संविधान द्वारा दिया भी गया है परंतु आज भी उनका उनका अधिकार नहीं मिल रहा है तथा पिछड़े,गरीब,एवं कमजोर वर्ग के लोगों को आज भी न्याय की गुहार लगाने पर जिम्मेदार अफसर सुनने वाले नहीं है।हम बात कर रहे हैं वार्ड नंबर-4 बाणसागर निवासी शीतला कोल की,जिसकी गुहार पुलिस के अधिकारी द्वारा नहीं सुनी गई।
गौरतलब है कि गत दिवस शीतला कोल शाम 6:00 अपने घर में खाना पका रही थी,तभी उनके पड़ोसी विक्रांत मिश्रा लकड़ी के संबंध में उनके घर आकर गाली गलौज देते हुए विवाद करने लगे तथा उनके साथ मारपीट की।मारपीट के दौरान शीतला कोल की चिल्लाने की आवाज पर विक्रांत मिश्रा के घर में कमरे में किराया से रह रहे लोग तथा विक्रांत मिश्रा की मां रेखा मिश्रा उसके घर आई तथा वह भी उसको मारते हुए घर के अंदर ले गई।
शीतला कोल ने बताया कि इस घटना की एफआईआर करने जब वह देवलोदं थाना पहुंची,तो उनकी बात सुनने के लिए वहां पुलिस विभाग के जिम्मेदार अफसर थाना प्रभारी उनकी बात नहीं सुनी तथा ना ही कोई उन्हें कागज दिया गया।कुछ देर पश्चात टीआई ने कहा कि तुम हरिजन हो तो किसी भी आदमी के उपार में चढ़ जाओगी और मारने लगोगी,इसके साथ ही उन्होंने वहां से उन्हें जाने के लिए कहा।वह न्याय की आस लगाकर थाना पहुंची थी,परंतु उन्हें न्याय मिल नहीं पाया।
इससे हम और हमारा समाज समझ सकते हैं कि शासन और प्रशासन का तंत्र कैसा है तथा अगर कोई व्यक्ति न्याय की पुलिस विभाग से गुहार लगाता है तो वह गुहार सुनने के लिए जिम्मेदार अफसर तैयार नहीं होते जिस समय पर न्याय नहीं मिलता और लोग गलत रास्ता चुन लेते हैं।इसके पश्चात शीतला कोल ने अनुविभागीय अधिकारी पुलिस ब्यौहारी से मुलाकात की।इसके पश्चात उन्होंने उनका बयान लिया और एफआईआर दर्ज कराने आश्वासन दिया।शीतला कोल निष्पक्ष जांच कर उचित कार्यवाही करने की मांग की है।
इनका कहना है।
मेरे पास महिला आई थी मैंने थाना प्रभारी को बोला है इस पर कार्यवाही करें।
रविप्रकाश कोल एसडीओपी ब्यौहारी
इनका कहना है।
इनका कोई लकड़ी को लेकर विवाद हुआ है।मेडिकल आने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।
दिलीप कुमार दहिया थाना प्रभारी देवलोदं।