धनगांव अवैध कोयला खदान में बड़ा हादसा पति-पत्नी की मौत

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शहडोल।बुढार थाना क्षेत्र के ग्राम धनगांव में वर्षों से चल रही कोयला की अवैध खदान की मिट्टी दशक ने से पति-पत्नी दो व्यक्तियों की मौत हो गई।यह दुर्घटना रविवार की शाम लगभग 6:00 बजे की बताई जा रही है।मामले की गंभीरता को देखते हुए सोमवार को कमिश्नर श्रीमती सुरभि गुप्ता डीआईजी सविता सुहाने,कलेक्टर डॉ.केदार सिंह, पुलिस अधीक्षक रामजी श्रीवास्तव एवं अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थल का निरीक्षण किया। पुलिस अधीक्षक रामजी श्रीवास्तव ने बताया कि बुढार थाना अंतर्गत सोन नदी के किनारे ग्राम धनगांव में अवैध कोयला खदान से कोयला निकलते समय मिट्टी धसकने से दो व्यक्तियों की मौत हो गई है जिसमें ओमकार यादव एवं उसकी पत्नी पार्वती यादव शामिल है।प्रकरण दर्ज कर लिया गया है और मामले की विवेचना जारी है।जांच के बाद अवैध कोयला निकालने वालों को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।

पांच मासूम बच्चियों ने खोया माता-पिता को

अवैध कोल खदान में जिन पति-पत्नी की मृत्यु हुई है उनकी पांच मासूम बच्चियां हैं।कुछ माह पूर्व ही दंपति ने अपने एक पुत्र को खोया था।अवैध कोल खदान की वजह से पांच मासूम लड़कियों को दर-दर भटकने को छोड़कर यतीम कर दिया।पति पत्नी की मौत के बाद 5 बहनो में सबसे बड़ी पुत्री ने माता पिता का अंतिम संस्कार किया।

दुर्घटना के बाद जागता है प्रशासन

प्राय यह देखा जाता है कि किसी भी दुर्घटना के बाद प्रशासन की नींद खुलती है।सोन नदी के किनारे ग्राम धनगंवा में जहां यह दुर्घटना हुई है वहां फॉरेस्ट की जमीन से अनेक वर्षों से अवैध कोयले का उत्खनन कराया जाकर कोल माफिया द्वारा अपनी तिजोरिया भरी जा रहे हैं। गांव के गरीबों बेरोजगारों को इस खतरनाक काम में लगाकर सफेद पोस माफिया लाखों करोड़ों कमाने के लिए कोयला खदान के आसपास बड़ी-बड़ी ट्रक और मशीन तैनात कर दी जाती हैं और धड़ल्ले से दिन रात कोयला निकाला जाता है परंतु ना तो जिम्मेदार विभाग ध्यान देता और ना ही जिला प्रशासन के आला अधिकारी।अब जब दुर्घटना हो गई तो कुछ दिनों के लिए जरूर अवैध कोयला उत्खनन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी लेकिन बाद में वही डाक के तीन पात वाली कहावत चर्चा रात होगी।
पुलिस की भी मिली भगत को नकारा नहीं जा सकता
जानकारों का मानना है कि बुढार थाना क्षेत्र के उक्त ग्राम धनगवा मैं सरेआम चल रहे अवैध कोयला खदान को संचालित करने वाले सफेदपोश माफिया को पुलिस का भी संरक्षण प्राप्त होता है वरना पुलिस की सहमति के बिना कोई भी व्यक्ति अवैध काम को अंजाम नहीं दे सकता।

गरीब आदमी इसे चोरी नहीं मानता

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि फॉरेस्ट की जमीन से जहां अवैध रूप से कोयला निकाला जा रहा है वहां गांव का गरीब आदमी मजदूरी करता है और वह यह नहीं मानता की है चोरी का काम है।मजदूर को तो सिर्फ अपनी मजदूरी से मतलब है।उसे अपना और अपने बच्चों का पेट भरना है इसलिए 400 ₹500 प्रति दिन की मजदूरी के लिए वह अपनी जान जोखिम में डालकर कोयला निकालने का काम करता है।

दोषियों पर हो कड़ी कार्यवाही हो:सुधीर

गोहपारू जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष सुधीर प्रताप सिंह ने घटना की घोर निंदा करते हुए कहा कि मैं जांच करा कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करवाऊंगा।और उन्होंने कहां मैं अपनी तरफ से परिवार को 51 हजार रुपए की आर्थिक सहायता की मदद करूंगा।

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