शहडोल।पंडित शंभूनाथ विश्वविद्यालय शहडोल के समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष श्रीमती तारामणि श्रीवास्तव ने कहा है कि सामाजिक अध्ययन में स्पष्ट ही शक्ति होती है। जितने चरणों में हम सामाजिक अध्ययन करते हैं तथा उसकी स्पष्ट सिद्ध होती है, वही शक्ति का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक भ्रमण कार्य विद्यार्थियों को बेहतर एवं गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए कराया जाता है, जिससे अन्य विश्वविद्यालय में चल रहे शैक्षणिक गतिविधियों से अवगत हो सके। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक शैक्षणिक गतिविधियों का केंद्र है, यहां देश के सभी राज्यों के जिलों से विद्यार्थी पढ़ने तथा सामाजिक शोध हेतु आते हैं, इसलिए विद्यार्थियों को यहां शैक्षिक भ्रमण हेतु लाया गया है। उक्त विचार पंडित शंभूनाथ विश्वविद्यालय शहडोल के विभागाध्यक्ष समाजशास्त्र श्रीमती तारामणि श्रीवास्तव इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक के समाजशास्त्र विभाग में आयोजित शैक्षणिक कार्यक्रम में व्यक्त कर रही थी।इस दौरान इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय के योगा विभाग के विभागध्यक्ष प्रो. जितेंद्र शर्मा ने कहा कि योग स्वस्थ जीवन जीने की एक कला और विज्ञान है। यह एक अत्यंत सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित आध्यात्मिक अनुशासन है, जो मन और शरीर के बीच सामंजस्य लाने पर केंद्रित है। योग का समग्र दृष्टिकोण जीवन के सभी क्षेत्रों में सामंजस्य लाता है। योग को रोग की रोकथाम, स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और कई जीवनशैली से संबंधित विकारों के प्रबंधन के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने कहा कि शारीरिक व्यायाम के अभ्यास से कहीं अधिक, योग व्यक्तिगत आत्म या चेतना का अनंत सार्वभौमिक चेतना या आत्मा के साथ एक साथ आना है। योग मन की प्रकृति की जांच करने की एक विधि है, जो अभ्यास और प्रत्यक्ष अनुभव पर जोर देती है। योग शरीर, मन और आत्मा के विकास के लिए एक सामंजस्यपूर्ण प्रणाली पर आधारित एक प्राचीन कला है। योग ‘व्यक्तित्व के उच्चतम स्तर पर एकीकरण’ को दर्शाता है। इसमें योग साहित्य में वर्णित विभिन्न अभ्यास और तकनीकें शामिल हैं और इसे सामूहिक रूप से ‘योग’ कहा जाता है।इस दौरान इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के समाजशास्त्र विभाग की विभागध्यक्ष श्रीमती रंजो साहो ने भी समाजशास्त्र के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि समाजशास्त्र पूरे समाज का विज्ञान है। कोई भी अन्य सामाजिक विज्ञान समाज का समग्रता से अध्ययन करने का प्रयास नहीं करता है। इतिहास, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, नृविज्ञान, मनोविज्ञान आदि जैसे सामाजिक विज्ञान समाज के विशेष पहलू से संबंधित हैं। उन्होंने समाजशास्त्र विभाग के तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों के समाजशास्त्रीय अध्ययन के महत्व को समझाया।
इस दौरान समाजशास्त्र तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक का परिसर काभ्रमण, डिजिटल लाइब्रेरी, समाजशास्त्र विभाग, योगा विभाग, सेंट्रल डिपार्टमेंटल लाइब्रेरी सहित और विभिन्न महत्वपूर्ण विभागों का भ्रमण कराया तथा वहां चल रहे शैक्षणिक गतिविधियों के संबंध में विद्यार्थियों को जानकारी प्रदान किया। उक्त भ्रमण कार्यक्रम में पंडित शंभू नाथ शुक्ल विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के प्रोफेसर श्रीमती नीलिमा खरे, सहायक प्रोफेसर डॉ.सिद्धार्थ मिश्र, गेस्ट फैकेल्टी प्रोफेसर राकेश मिश्र, डॉ. सिद्धिश्री सिंह, प्रोफेसर श्रीकांत चौधरी, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के अंबेडकर चेयर के प्रमुख प्रोफेसर विमल राज, डॉ. विनय तिवारी सहित अन्य प्रोफेसर एवं स्टाफ तथा तृतीय सेमेस्टर के छात्र प्रियांशु त्रिपाठी, राहुल लहरे, सुश्री चांदनी केवट, सुश्री प्रियंका कोरी, वेदिका खम्परिया, वैदेही खम्परिया, अभिनव सिंह, मानसी तिवारी, प्रह्लाद सिंह तोमर सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।