शहडोल में बीते एक साल में 5 कमिश्नर बदले जा चुके हैं।मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के संभावित दौरे के 3 दिन पहले एक बार फिर शहडोल कमिश्नर को बदल दिया गया है।2 महीने 23 दिन पहले श्रीमन शुक्ल ने बतौर कमिश्नर शहडोल संभाग ज्वाइन किया था।देर रात एक बार फिर उनका तबादला कर दिया गया।कमिश्नर श्रीमन शुक्ल के पिता का देहांत हो गया था जिस कारण वे लंबी छुट्टी से 11 नवंबर को ही वापस लौटे थे।सरकार ने उनकी जगह अब चिकित्सा शिक्षा विभाग की सचिव सुरभि गुप्ता को शहडोल का नया कमिश्नर बनाया गया है। सीएम के दौरे से पहले कमिश्नर के तबादले को लेकर अब राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा तेज हो गई है।
2 महीने 23 दिन बाद हुआ तबादला
प्रदेश के कद्दावर भाजपा नेता और पूर्व गृह मंत्री के दामाद कहे जाने वाले आईएएस श्रीमन शुक्ल सिर्फ 2 माह 23 दिन ही शहडोल में कमिश्नरी कर पाए।11 नवंबर को ज्वाइन करते ही कमिश्नर शुक्ल 15 नवंबर को सीएम और राज्यपाल के दौरे की तैयारियों में जुट गए थे। उन्होंने कलेक्ट्रेट में एक बड़ी बैठक का आयोजन भी किया।इसी रात उनके तबादले की सूची सामने आ गई।
तालमेल नहीं बैठना बनी बड़ी वजह
कमिश्नर श्रीमन शुक्ला के तबादले के पीछे सबसे बड़ी वजत तालमेल को लेकर बताया जा रहा है। तेजतर्रार स्वभाव के आईएएस अफसर श्रीमन शुक्ल का तालमेल स्थानीय विधायकों के अलावा नेताओं से नहीं बैठ पा रहा था।
डिप्टी सीएम और प्रभारी मंत्री राजेंद्र शुक्ल भी कमिश्नर के काम से ज्यादा संतुष्ट नहीं थे।वहीं उनकी कड़क मिजाजी से तीनों जिलों के अफसरों को भी समन्वय बनाने में दिक्कतें आ रहीं थीं।माना जा रहा है इन्हीं सब समस्याओं के चलते शहडोल को नया कमिश्नर दिया गया है।
उनसे पहले शहडोल में 16 मार्च 2024 को बतौर कमिश्नर बाबू सिंह जामोद ने ज्वाइन किया था। कमिश्नर जामोद की कार्यशैली से शहडोल संभाग में बदलाव दिखने लगा था।सांसद,विधायक समेत सत्ता संगठन के नेता भी बीएस जामोद की कार्यशैली की तारीफ करने लगे।
इसी बीच डिप्टी सीएम और शहडोल के प्रभारी मंत्री राजेंद्र शुक्ल की पसंद पर बीएस जामोद को रीवा का कमिश्नर बना दिया गया।उन्हें शहडोल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया।जामोद भी सिर्फ 3 महीने शहडोल में पदस्थ रहे,2 महीने शहडोल के अतिरिक्त प्रभार में बतौर कमिश्नर रहे।इस प्रकार 16 मार्च 2024 से 21 अगस्त 2024 सिर्फ 5 माह 7 दिन तक जामोद शहडोल कमिश्नर रहे।
5 माह में बदल गए थे 2 कमिश्नर
कमिश्नर बाबू सिंह जामोद के शहडोल ज्वाइन करने से पहले 5 माह 7 दिन के भीतर 2 कमिश्नर का तबादला हो चुका था।8 जनवरी 2024 को गोपाल चंद्र डांड को शहडोल भेजा गया लेकिन 2 महीने 8 दिन बाद 15 मार्च 2024 को उन्हें भी शहडोल से हटा दिया गया।इनसे पहले 4 अक्टूबर 2023 को अनिल सुचारी को कमिश्नर बनाया गया और 3 माह 5 दिन बाद उन्हें भी हटा दिया गया।इस प्रकार 5 माह में दो कमिश्नर की पोस्टिंग उन्हें बदला गया।इन दोनों तबादलों में भी डिप्टी सीएम और शहडोल की राजनीति में प्रभाव करने वाले नेता राजेंद्र शुक्ल की मर्जी स्वीकारी गई।
अंतिम बार राजीव शर्मा ने बिताया लंबा समय
4 अक्टूबर 2023 से पहले शहडोल संभाग के कमिश्नर राजीव शर्मा थे। उन्होंने 2 साल 5 महीने 22 दिन शहडोल में बतौर कमिश्नर काम किया।निजी कारणों से कमिश्नर राजीव शर्मा ने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था।उनके जाने के बाद 4 अक्टूबर 2023 के बाद से आज दिनांक तक लगातार 5 कमिश्नर की पोस्टिंग शहडोल में हो चुकी है।